Wednesday 10 July 2013



तालिबान बदला लेने आ सकता है कश्मीर
श्रीनगर [नवीन नवाज]। कश्मीर में सक्रिय विभिन्न आतंकी संगठनों के साझा मंच यूनाइटेड जेहाद काउंसिल के चेयरमैन सैयद सलाहुद्दीन ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में तालिबान की घुसपैठ का परोक्ष संकेत देते हुए कहा कि वह जब चाहे बदला लेने घाटी आ सकता है। सलाहुद्दीन ने कहा कि श्री अमरनाथ यात्रा पर हिजबुल मुजाहिद्दीन जब चाहे हमला कर नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन ऐसा करना हमारा मकसद नहीं। इसके साथ ही सलाहुद्दीन ने विभिन्न खेमों में बंटे हुर्रियत नेताओं व अन्य अलगाववादियों को एकजुट होने की सलाह भी दी।
हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन ने गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद से स्थानीय मीडिया के साथ टेलीफोन वार्ता में कहा कि अफगानीस्तान से नाटो सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान के कश्मीर में दाखिल होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। ये लोग आ भी सकते हैं और नहीं भी। अफगानी जुझारु और बदला लेने वाली कौम है। तालिबान जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों और कश्मीरियों पर हो रहे अत्याचारों का बदला लेने आ सकते हैं। वैसे भी भारत ने अफगानीस्तान में अमेरिका और नाटो की मदद की है।
श्री अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जताई जा रही आशंका पर सलाहुद्दीन ने कहा कि यह सब कश्मीर में जारी हमारी तहरीक को बदनाम करने और हमें दहशतगर्द साबित करने की भारतीय साजिश है। हमारे लड़के जब चाहें अमरनाथ यात्रा को नुकसान पहुंचाने के लिए हमला कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे और न यह हमारा मकसद है। आतंकी सरगना ने कहा कि हाल ही में पट्टन, हैदरपोरा, त्राल में हमारे लड़कों ने सुरक्षाबलों पर हमले कर साबित किया है कि वे किसी भी जगह आकर पुलिस व फौज को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के बीच जारी मतभेदों के बारे में सलाहुद्दीन ने कहा कि ये लोग अफजल गुरु को फांसी व हालिया मरकुंडल में दो युवकों की मौत के बाद पैदा हुए हालात का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। हुर्रियत नेताओं और हुर्रियत के दायरे से बाहर अलगाववादी नेताओं में कहीं न कहीं सियासी समझ और रणनीति का अभाव है। हालांकि इन सभी नेताओं का मकसद एक है, लेकिन ये अलग-अलग दिशाओं में चलते हैं। इससे कश्मीरियों का ही नुकसान हो रहा है। ये अपने मतभेद दूर करें तो बेहतर होगा। हिज्ब और यूनाइटेड जेहाद काउंसिल अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर हुर्रियत नेताओं में एकता का प्रयास करेगी।

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