किश्तवाड़ में कर्फ्यू जारी, मृतकों की संख्या 2 हुई
10, Aug, 2013, जम्मू | जम्मू में सांप्रदायिक
तनाव से ग्रस्त किश्तवाड़ शहर में लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी अनिश्चितकालीन कर्फ्यू
जारी है। यहां सांप्रदायिक हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है। किश्तवाड़ शहर में
इनमें से एक व्यक्ति को दंगाई भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था जिसका शव शुक्रवार देर
रात बरामद हुआ, और मृतकों की संख्या दो हो गई। यहां 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस व्यक्ति का झुलसा हुआ
शव किश्तवाड़ के चौगाम मैदान में मिला। उन्होंने कहा, "शव को अस्पताल में रखा गया है।" झड़प के दौरान गोलीबारी में घायल हुए अरविंद
कुमार भगत की अस्पताल में मौत हो गई। चिकित्सकों के मुताबिक घायलों में दो की हालत
नाजुक है। किश्तवाड़ में ईद-उल-फितर के दिन
लगभग 500 ग्रामीणों द्वारा आजाद कश्मीर का नारा लगाने
के बाद दो संप्रदायों के बीच झड़प शुरू हो गई।
इस दौरान भीड़ ने 80 से अधिक दुकानों,
एक पेट्रोल पंप, तेल के एक टैंकर,
राज्य पुलिस एवं दमकल विभाग के कुछ वाहनों और मुख्य शिक्षा अधिकारी
के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। पुलिस
द्वारा स्थिति को काबू में न कर पाने पर प्रशासन ने सेना को बुलाया। सेना ने शहर में
शुक्रवार सुबह लगभग 7.30 बजे फ्लैग मार्च किया।
लेकिन किश्तवाड़ से आ रही खबरों के मुताबिक सेना को दोपहर में बुलाए जाने के बावजूद
दंगे पर शाम में काबू पाया जा सका। राज्य सरकार
ने हिंसा में मारे गए अरविंद के परिवार वालों को पांच लाख रुपये सहायता राशि देने का
ऐलान किया है। प्रमंडील आयुक्त (जम्मू) शांत
मानू ने हिंसा के संदर्भ में दंडाधिकारी स्तर की जांच के आदेश दिए हैं। इसकी रिपोर्ट
तीन सप्ताह के अंदर राज्य सरकार को सौंपी जानी है।
किश्तवाड़ नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के विधायक सजाद किचलू का गृह
शहर और विधानसभा क्षेत्र है। किचलू राज्य के गृह मंत्री हैं। वह ईद के मौके पर अपने
घर आए थे और उसी दौरान यहां सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। किश्तवाड़ के पुलिस प्रमुख और जिलाधिकारी को रातोंरात
बदला गया है। बशीर अहमद खान को किश्तवाड़ का नया जिलाधिकारी और संजय कोटवाल को पुलिस
अधीक्षक नियुक्त किया गया। राज्य पुलिस महानिदेशक
(डीजीपी) अशोक प्रसाद, आयुक्त (गृह) सुरेश
कुमार और अतिरिक्त डीजीपी (समन्वय) पी.एल.गुप्ता कानून एवं व्यवस्था की बहाली का निरीक्षण
करने के लिए किश्तवाड़ में मौजूद हैं। इस बीच
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कुछ अन्य राजनीतिक पार्टियों ने शुक्रवार को हुई झड़प
के खिलाफ शनिवार को जम्मू बंद का आह्वान किया है। कश्मीर के अलगाववादी एवं कट्टरपंथी
नेता सैयद अली गिलानी ने भी इस घटना के विरोध में घाटी में बंद का आह्वान किया है।
राज्य के उप मुख्यमंत्री तारा चंद ने जम्मू के कुछ प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात कर
शांति बनाए रखने की अपील की है
Source: http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/114050/2/211
किश्तवाड़ में हिंसा, दोकी मौत
http://www.jagran.com/jammu-and-kashmir/udhampur-10635816.html
2 killed, 30 injured;
30 structures, 7 vehicles set ablaze in Kishtwar violence
Source: http://www.greaterkashmir.com/news/
उमर ने राजनीतिक दलों
को चेताया, हालात न बिगाड़ें
Sun, 11 Aug 2013
श्रीनगर। उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ में शुक्रवार की हिंसा में
शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा करते हुए लोगों से अफवाहों पर ध्यान
नहीं देने की अपील की है। उमर ने कहा कि प्रदेश
सरकार किसी नेता व अलगाववादियों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने की इजाजत नहीं
देगी। उन्होंने कहा कि इससे स्थिति बिगड़ सकती है। इसी वजह से किश्तवाड़ जाते समय भाजपा
नेता अरुण जेटली को जम्मू हवाई अड्डे पर ही रोक लिया गया। किसी राजनीतिक दल का नाम
लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा, इन नेताओं का एकमात्र
मकसद यही नजर आता है कि राज्य में 2008 के हालात
[अमरनाथ भूमि विवाद आंदोलन] पैदा किए जाएं, ताकि वे संसदीय चुनाव और विधानसभा चुनाव में फायदा उठा सकें।
उमर ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में विपक्ष की नेता प्रतिपक्ष
सुषमा स्वराज से बात की है। उन्होंने कहा, नेता प्रतिपक्ष
के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में मैंने उनसे कहा कि वे इस क्षेत्र में अपने लोगों
से कहें कि शांति बनाए रखें और इस मुद्दे को हवा नहीं दें। उमर ने आरोप लगाया,
किश्तवाड़ की घटना के बाद पैदा हुए हालात का फायदा उठाने की कोशिश
की जा रही है। अब तक ये लोग इसमें कामयाब नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, मैं आपको उन राज्यों का नाम बता सकता हूं, जहां इसी साल सांप्रदायिक दंगे हुए हैं। क्या ये लोग उन जगहों
पर गए? ये लोग क्यों जम्मू-कश्मीर और खासकर जम्मू
क्षेत्र को ही चुन रहे हैं? क्या घाटी में शिया-सुन्नी
झड़पों को ज्यादा समय हो गया? ये लोग उस वक्त कहां
थे? मुख्यमंत्री ने इंसाफ का भरोसा देते हुए लोगों से आग्रह किया
कि वे किश्तवाड़ की स्थिति को लेकर अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
उमर ने संवाददाताओं से कहा, मेरी लोगों से गुजारिश है कि वे उन सियासी दलों को कामयाब नहीं होने दें,
जो इंसानी हितों से ऊपर अपने राजनीतिक हितों को रख रहे हैं,
ताकि स्थिति का फायदा उठा सकें। उन्होंने कहा, कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें। हम कानून-व्यवस्था बहाल करेंगे
और इंसाफ मिलना सुनिश्चित करेंगे
Source: http://www.jagran.com/
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