Saturday 8 June 2013



हुर्रियत ने आजादी के नाम पर अपना घर भरा: मलिक
Tue, 04 Jun 2013
श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। अलगाववादी खेमे में बढ़ रही रार सोमवार को कश्मीर विश्वविद्यालय में सार्वजनिक हो गई। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक ने न सिर्फ हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को हिंदनवाज कहा, बल्कि उन पर कश्मीर की आजादी के नाम पर मरने वाले युवकों के लिए देश-विदेश से आए पैसे के गबन का भी आरोप लगाया। वह कश्मीर विश्वविद्यालय परिसर में शिया संगठन व हुर्रियत के एक प्रमुख घटक अंजुमन-ए-शरियां-ए-शिया द्वारा स्व. इमाम खुमैनी की बरसी पर आयोजित समारोह में हुए हंगामे के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इसमें हालांकि मीरवाइज समेत उदारवादी हुर्रियत के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने भाषण दिया था लेकिन मलिक को आयोजकों ने रोका था।  मलिक ने पत्रकारों से मीरवाइज और उनके साथियों के खिलाफ अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि इनको इमाम खुमैनी की बरसी बनाने का कोई हक नहीं है। यह लोग तो हिंदनवाज हैं। ये लोग हिंदुस्तान के पिटठु हैं। हम आज तक चुप रहे, हमने इनके खिलाफ बात नहीं की, क्योंकि उससे कश्मीर में जारी हमारी तहरीक पर ही बुरा असर होता। अब हम चुप नहीं रहेंगे।
जेकेएलएफ चेयरमैन ने कहा कि मीरवाइज और उनके साथियों ने कश्मीर की आजादी के नाम पर, कश्मीर के युवाओं की कुर्बानियों के नाम पर सिर्फ अपने लिए बडे़-बड़े मकान और गाड़ियां बनाई हैं। इन्होंने कश्मीर की तहरीक को उसके अंजाम तक पहुंचाने के बजाय अपनी तिजौरियां भरी हैं। जिस इमाम खुमैनी साहब की ये लोग बरसी मना रहे हैं, उन्होंने कश्मीर में मानवाधिकारियों के उल्लंघन के कारण भारत के विदेश मंत्री को तेहरान में नहीं आने दिया था। यासीन मलिक ने कहा कि मीरवाइज और उनके साथियों ने जो हुर्रियत बनाई है, वह सिर्फ कश्मीर की आजादी की तहरीक को नुक्सान पहुंचाने केलिए भारतीय एजेंसियों के इशारे पर बनी है।

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