कश्मीरी विस्थापितों ने मांगा राजनीतिक आरक्षण
जम्मू जागरण ब्यूरो। यूथ ऑल इंडिया कश्मीर समाज ने कश्मीर पंडितों के लिए राजनीतिक
आरक्षण मांगा है। समाज ने कश्मीर की 27 विधानसभा क्षेत्रों
के लिए कोआर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। समाज ने रविवार को एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर कश्मीर पंडित
विस्थापितों को पेश आने वाली समस्याओं और कश्मीर पंडितों की युवा पीढ़ी के लिए काम
करने पर विचार किया। नेताओं ने एक स्वर में कहा कि कश्मीर में अपनी पहचान कायम करने
के लिए काम किया जाएगा और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हकों के लिए संघर्ष शुरू होगा।
समाज के चीफ पैट्रन पंडित आरके भट्ट ने कहा कि कश्मीरी विस्थापित
किसी भी हाल में कश्मीर पर अपना अधिकार नहीं छोड़ सकते हैं। कश्मीरी पंडित कश्मीर का
अहम हिस्सा है। इसी उद्देश्य और युवा पीढ़ी के भविष्य के नारे के साथ कश्मीर के विस
क्षेत्रों के लिए कोआर्डिनेटर नियुक्त किए गए हैं। नए कोआर्डिनेटर ने संकल्प लिया कि
वे कश्मीर में विस्थापितों की युवा पीढ़ी के लिए काम करेंगे। समाज यह सुनिश्चित करेगा
कि हर विस क्षेत्र के समुदाय के लोग संसदीय व विस चुनाव में मतदान करे ताकि राजनीतिक
सशक्तीकरण हो सके। सदस्यों ने राजनीतिक पार्टियों से कहा कि वे कश्मीर विस्थापितों
के राजनीतिक भविष्य पर अपना स्टैंड स्पष्ट करे। समाज ने चुनाव आयोग से निवेदन किया
कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि कश्मीर से विस्थापित होने वाले हर एक कश्मीरी विस्थापित
का नाम वोटर लिस्टों में शामिल हो। सदस्यों ने प्रधानमंत्री के पैकेज को लागू किए जाने
की मांग की। नए 27 कोआर्डिनेटरों को आनंद स्वामी श्री प्रेम
नाथ गरीब ने शपथ दिलाई। प्रस्ताव पारित कर मांग की कि कश्मीरी विस्थापितों के लिए राजनीतिक
आरक्षण लागू किया जाए।
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