.तो जम्मू कश्मीर से खत्म हो गई होती धारा 370
9 मई भारत
की वजह
से ही
कश्मीर को
दुनिया में
धरती के
स्वर्ग का
मुकाम हासिल
है। यह
मुकाम तब
तक कश्मीर
को हासिल
रहेगा, जब
तक कश्मीर
भारत में
है। कश्मीरी अवाम को पाकिस्तान में
मुसलमानों की हालत से सबक
लेना चाहिए।
कश्मीर के
चंद परिवार
ही पिछले
65 वर्षों से अवाम को गुमराह
करते आ
रहे हैं,
इस असलियत
को कश्मीरी
अवाम को
भी अब
स्वीकार करना
होगा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और
सांसद सैयद
शहनवाज हुसैन
ने मुस्लिम
राष्ट्रीय मंच की गोष्ठी के
बाद अमर
उजाला से
बातचीत के
दौरान ये
बातें कहीं।
शहनवाज हुसैन का कहना
था कि
कश्मीर के
करीब एक
सौ परिवार
ऐसे हैं,
जो मुख्यधारा
में सियासत
और अलगाववाद
के नाम
पर राज्य
के मुसलमानों
को अरसे
से गुमराह
करते आ
रहे हैं।
ऐसे नेता दोनों तरफ से माल
बटोर रहे
हैं। उन्होंने
कहा कि
कश्मीर मामले
पर ऐसे
नेताओं को
टेलीविजन चैनलों
पर अंग्रेजी
में बहस
करते वह
देखते हैं
जिनका अवाम
की मुश्किलों
से कोई
लेना-देना
नहीं।
राज्य के
मुसलमानों को समझना चाहिए कि
उन्हें पाकिस्तान
की तरह
अमेरिकी विमानों
के हमले
का डर
नहीं सताता।
जम्मू कश्मीर
के अलावा
देश में
25 करोड़ मुसलमान
भी तो
रह रहे
हैं। हालत
यह हो
गई कि
कश्मीर का
विश्वविख्यात नमदा अथवा कालीन के
कारोबार पर
अब चीन
का कब्जा
हो रहा
है। भाजपा नेता ने देश में
अब हिंदू-मुस्लिम फसाद
अथवा दंगे
नहीं होने
श्रेय भी
अवाम को
दिया। उन्होंने
कहा कि
धारा 370 को
जम्मू कश्मीर
से हटना
चाहिए। शहनवाज
ने स्पष्ट
किया कि
अगर पूर्व
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को
लोगों ने
180 के बजाया
272 लोकसभा सीटें दी होती, तो
धारा 370 खत्म
हो गई
होती। गठबंधन
की मजबूरियों
की वजह
से ऐसा
एनडीए के
शासनकाल में
संभव नहीं
हो सका।
Source: http://www.amarujala.com/news/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-article-370/
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