'कश्मीर हिंदुस्तान का'
के
लिए
43 हजार
मुस्लिमों
का
हस्ताक्षर
, 09 May 2013 जागरण संवाददाता,
जम्मू : 'हम
हिंदुस्तानी, जम्मू-कश्मीर ंिहंदुस्तान का'
नामक संदेश
फार्म पर
राज्य के
43305 मुस्लिमों ने हस्ताक्षर किए हैं।
वहीं, अन्य
क्षेत्रों में भी अभियान चलाकर
अब तक
सवा आठ
लाख हस्ताक्षर
कराए गए
हैं, जो
राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित
दो दिवसीय
अधिवेशन के
अंतिम दिन
बुधवार को
मंच के
मार्गदर्शक एवं संघ के राष्ट्रीय
कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार
ने यह
दावा किया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में
हस्ताक्षर अभियान में मुस्लिम लोगों
की बड़ी
भागेदारी का
प्रशंसा की।
कहा कि
यह देश
राष्ट्र से
मुहब्बत करने
वालों का
है। मुस्लिम
राष्ट्रीय मंच इन देशभक्तों को
जोड़ने का
काम कर
रहा है।
वहीं, उन्होंने
कहा कि
जम्मू-कश्मीर
भारत का
अटूट हिस्सा
है और
रहेगा। इस
पर नजर
रखने वालों
को सहन
नहीं किया
जा सकता।
इंद्रेश कुमार
ने केंद्र
सरकार की
कड़ी निंदा
की जोकि
पाकिस्तान व चीन के कब्जे
वाले क्षेत्र
को वापस
ले नहीं
सकी है।
22 फरवरी 1994 को पाकिस्तान के कब्जे
वाले कश्मीर
को वापस
लेने के
प्रस्ताव पर
सांसदों ने
संसद में
हस्ताक्षर किए, उनमें जम्मू कश्मीर
के मुस्लिम
सांसद भी
शामिल थे।
अब वे
सांसद क्यों
नहीं बात
करते। जम्मू-कश्मीर में
अब दोहरी
नागरिकता नहीं
चलेगी।
इससे पहले
मुस्लिम राष्ट्रीय
मंच के
संयोजक मु.
अफजाल ने
केंद्रीय वार्ताकारों
की निंदा
की। कहा
कि वास्तविक
नियंत्रण रेखा
को कभी
स्थायी सीमा
नहीं माना
जा सकता।
हमें पाकिस्तान
व चीन
के कब्जे
से एक-एक इंच
भूमि वापस
चाहिए। धारा
370 राज्य के विकास में आड़े
आ रही
है। मौके
पर छत्ताीसगढ़
के मंत्री
सलीम अश्रफी,
मुस्लिम राष्ट्रीय
मंच के
प्रदेश संयोजक
नीरज मीर
भी उपस्थित
थे। इससे पूर्व
देश के
अलग अलग
हिस्सों से
आए मुस्लिम
समुदाय के
लोगों ने
अग्रवाल सभा
से एकता
व सद्भाव
के लिए
रैली भी
निकाली, जो
जम्मू क्लब
पहुंच कर
संपन्न हुई।
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