चौथे हिस्से पर अधिकार चाहता है कश्मीरी पंडित समुदाय
17, Sep, 2013 श्रीनगर
! कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन छेड़ने वाले
कश्मीर की आजादी का सपना देख रहे हैं तो जम्मू और लद्दाख की जनता चाहती है कि दोनों
संभागों को कश्मीर से अलग कर दिया जाए। ऐसे में आतंकावाद का शिकार होने वाला कश्मीरी
पंडित समुदाय अपने विकल्प के तहत कश्मीर के एक भूभाग पर अधिकार चाहता है। यही अधिकार
उनकी नजर में कश्मीर समस्या का हल है। अपने विकल्प के बतौर कश्मीरी समुदाय चाहता है
कि जम्मू कश्मीर की उलझन को सुलझाने की खातिर उसके चार हिस्से किए जाएं। हालांकि अन्य
ताकतें इसके तीन हिस्से करने की मांग कर रही हैं। चौथा हिस्सा वह राय का नहीं चाहता
बल्कि कश्मीर घाटी का चाहता है जिसे वे होमलैंड आदि का नाम देते हैं। ऐसा सुझाव देने
वाले कश्मीरी पंडित समुदाय के संगठनों में सबसे आगे 'पनुन कश्मीर' अर्थात हमारा कश्मीर नामक गुट है। उसके सुझाव
के अनुसार, इसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में तैयार
किया जा सकता है जहां वह कश्मीरी समुदाय सुख-चैन तथा अलगाववादी आतंकवादी संगठनों की
पहुंच से दूर होकर रह सकेगा जहां मानवाधिकारों के उल्लंघन की कोई बात ही नहीं होगी
और अल्पसंख्यक समुदाय आजादी महसूस करेगा। इस संगठन का कहना है कि हालांकि भारत सरकार
के लिए यह कदम बहुत ही कठिनाईयों से भरा होगा परंतु एक कौम को बचाने की खातिर तथा जम्मू
कश्मीर की समस्या को सुलझाने के लिए राय को चार हिस्सों में बांटना आज के परिप्रेक्ष्य
में जरूरी है। इसके लिए पनुन कश्मीर ोएशिया में रहने वाले सर्ब लोगों का उदाहरण भी
देता है जिन्होंने करजीना क्षेत्र को इसी की खातिर छोड़ दिया था और अब पनुन कश्मीर की
नजर में ऐसा होने पर ही भारतीय उपमहाद्वीप में शांति का आगमन होगा।
कश्मीरी पंडित समुदाय
की नजर में यह केंद्र शासित क्षेत्र, जो होगा कश्मीर
घाटी का ही एक हिस्सा लेकिन उसमें सिर्फ और सिर्फ हिन्दू अल्पसंख्यक समुदाय के लोग
ही रहेंगें, को जेहलम दरिया के किनारे के क्षेत्रों में
बसाना होगा। अर्थात कश्मीर के सबसे उपजाऊ क्षेत्र में जहां खेती और व्यापार तेजी से
उपज रहा है। वैसे पिछले कुछ अरसे से पनुन कश्मीर सहित अन्य होमलैंड समर्थक संगठन खामोश
बैठे हुए थे।http://www.deshbandhu.co.in/
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