Monday 5 August 2013



अपनी शर्तो पर होगी कश्मीर वापसी : ज्वाइंट फोरम
02 Aug 2013 जम्मू : कश्मीरी पंडितों की समस्याओं को संयुक्तरूप से उठाने वाले संगठन ज्वाइंट फोरम के नेताओं ने कहा है कि कश्मीरी पंडित अपनी शर्तो पर कश्मीर वापस जाएंगे। कश्मीर में उनकी पुनस्र्थापना भौगोलिक व राजनीतिक आकांक्षाओं के आधार पर होगी, जिसके लिए उनका संघर्ष जारी है। पंडित नेताओं ने मंगलवार को दिल्ली में हुई गृह मंत्रालय की संसदीय मामलों की कमेटी की बैठक द्वारा दी गई सिफारिशों का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षो से केंद्र सरकार इन सिफारिशों को दबाए हुए थी, लेकिन अब कमेटी के निर्देशों के कारण सरकार को इन सिफारिशों को लागू करना पड़ेगा।
जम्मू में वीरवार को ज्वाइंट फोरम के नेता व पनुन कश्मीर के प्रधान अश्विनी चरंगू ने कहा कि कमेटी ने चार वर्ष पहले केंद्र सरकार को पंडितों की आर्थिक, शैक्षणिक व आवासीय परिस्थितियों के मद्देनजर जो सिफारिशें की थीं, उन्हें लागू नहीं किया गया है। सरकार का यह रवैया निंदनीय है। उन्होंने कहा कि कमेटी ने सरकार को एक्शन टेकन रिपोर्ट बनाने को कहा है, जिसमें कश्मीरी पंडित नेताओं के साथ बातचीत करने के निर्देश दिए गए हैं। चरंगू ने कहा कि सरकार ऐसा प्रबंधन बनाए जो कमेटी की सिफारिशों को लागू करने पर चौकस रहे।  इसके अलावा उन्होंने कमेटी की बैठक में उनकी ओर से आतंकियों के पुनर्वास पर भी रिपोर्ट पेश करने पर रोशनी डाली। सम्मेलन में वरिष्ठ फोरम के नेता हीरा लाल चट्टा, एचएन जत्तू, राकेश कौल व सरदार प्रेम सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

विस्थापितों की वापसी लायक घाटी में माहौल नहीं

 2 अगस्त 2013 जम्मू। कश्मीरी पंडित विस्थापितों के विभिन्न संगठनों पर आधारित ज्वाइंट फोरम आफ केपी आर्गेनाइजेशन ने कश्मीर घाटी में फिलहाल वापसी से इंकार किया है। इन संगठनों के नेताओं का कहना है कि घाटी में माहौल अभी वापसी लायक नहीं बना है। जम्मू में वीरवार को संवाददाता सम्मेलन में फोरम के सदस्य एवं पनुन कश्मीर के प्रधान अश्विनी कुमार चुरंगू ने कहा कि नई दिल्ली में हुई गृह मामलों पर आधारित स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में ज्वाइंट फोरम ने कश्मीरी पंडित विस्थापितों की समस्याओं को जोरदार तरीके से पेश किया। इसमें कश्मीरी पंडित विस्थापितों के लिए प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज का पूरी तरह से लागू न होना और स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों को सरकार की ओर से लागू न होने का मामला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पूर्व आतंकवादियों की जम्मू कश्मीर में वापसी को लेकर राज्य सरकार की पालिसी की रिपोर्ट भी कमेटी के चेयरमैन को सौंपी गई। आल स्टेट कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस के प्रधान एचएल चता ने कहा कि घाटी में मंदिरों और श्राइन के संरक्षण के लिए मंदिर बिल को पारित न किए जाने पर नाराजगी जताई गई और कश्मीरी पंडितों के हत्यारों के घाटी में खुलेआम घूमने पर भी कमेटी के समक्ष चिंता जताई गई। आल इंडिया कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस के प्रधान एचएन जत्तू ने कहा कि घाटी में माहौल अभी भी कश्मीरी पंडितों की वापसी लायक नहीं बन पाया है। अलगाववादी ताकतें घाटी में हावी है। राकेश कौल ने जगती विस्थापित टाउनशिप में रह रहे कश्मीरी पंडितों को पेश आ रही समस्याओं की जानकारी दी।
ज्वाइंट फोरम के प्रवक्ता विरेंद्र रैणा ने प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज को आधा अधूरा लागू करने पर नाराजगी जताई और पैकेज को पूरी तरह से लागू करने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने बिरादरी के ओवरएज हो चुके युवाओं के लिए विशेष पैकेज की मांग की। इस अवसर पर केएसडीएफ के प्रधान प्रेम सिंह रैणा भी मौजूद रहे।
Source: http://www.amarujala.com/news/states/jammu-and-kashmir/jammu/Jammu-36631-27/

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