Monday 29 July 2013



रिफ्यूजियों ने फिर हक को आवाज उठाई
26 जुलाई 2013 हीरानगर। वर्ष 1947, 1965 और 1971 में पाक-अधिकृत कश्मीर से विस्थापित होकर राज्य में रह रहे विस्थापितों ने एक बार फिर से अपने मसले को हल करने की मांग को दोहराई। वीरवार को हीरानगर में पीओके डिस्पलेस्ड पर्सन वेलफेयर फ्रंट की तहसील इकाई की एक बैठक हुई। फ्रंट के प्रधान मास्टर केएल बक्शी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए हक की आवाज उठाई। उन्होंने सरकार से वन टाइम सेटलमेंट के लिये किये वादे को जल्द पूरा करने की मांग की। बक्शी ने कहा कि लाखों लोग पीओके से विस्थापित होकर राज्य में शरणार्थी को जीवन जी रहे हैं। उन्हें आज तक वादे के मुताबिक न तो खेती-बाड़ी के लिए भूमि मिली और न ही आर्थिक पैकेज। उन्होंने कहा कि उनकी सबसे प्रमुख मांग है कि पीओके के विस्थापितों को वन टाइम सेटलमेंट को जल्द लागू किया जाये। क्योंकि वे लोग विस्थापन के समय अपनी सारी जायदाद वहां छोड़ आये हैं। उन्होंने राज्य सरकार से विस्थापितों के बच्चों को सरकारी नौकरियों और पढ़ाई के लिये प्रोफेशनल कालेजों में दाखिले में आरक्षण की सुविधा भी मांगी है।
बैठक के दौरान फ्रंट के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी भी की। वहीं फ्रंट के नेता बाबू राम मल्होत्रा ने कहा कि रिफ्यूजियों के मसले की तरफ सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि जिला कठुआ मे हर तीसरे माह में जिला सत्र के अधिकारियों के तबादले होने से लोगों के काम समय पर नहीं हो पा रहे है। बैठक में फ्रंट के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश, महासचिव बलवीर चिब सहित डीपी लुबाना, बलबीर सिंह, देस राज, यशपाल शर्मा, राजेंद्र बक्शी, सुभाष चंद्र आदि ने भी अपने विचार रखे।
Source:http://www.amarujala.com/

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