पूर्व आतंकियों की पुनर्वास नीति पर विहिप ने उठाए सवाल
1 जून 2013 जम्मू। विश्व हिंदू परिषद ने पूर्व आतंकियों के लिए बनाई गई पुनर्वास नीति पर सवाल
उठाए हैं। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डा. रमाकांत दुबे ने कहा कि इस नीति से देश को नेपालश्
म्यांमार, बांग्लादेश और पाकिस्तान से खतरा बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो लोग आतंकी संगठनों से प्रशिक्षण पाते हुए पाकिस्तान या पीओके में
रहे हैं, वे हमेशा देश के लिए खतरा बने रहेंगे। उन्होंने
वहीं की नागरिकता पाई और वहां के नागरिक बन गए। अब उन्हें जम्मू-कश्मीर में बसाने का
क्या औचित्य है। उन्होंने कहा
कि केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार की मिलीभगत से उन्हें यहां हर प्रकार की सुविधा देकर
बसाने का काम चल रहा है। लोग सरकार से यह जानना चाहते हैं कि जब ये लोग पाकिस्तान या
आजाद कश्मीर यहां से गए थे, तो इनके परिवार वालों
ने क्या किसी थाने में इनके गुम होने की रिपोर्ट लिखवाई थी। उन्होंने नेपाल,
म्यांमार, बांग्लादेश,
पाकिस्तान आदि के रास्ते से धड़ल्ले से जो लोग अंदर आकर सरकारी
और गैर सरकारी जमीनों पर कब्जे करके यहां बस रहे हैं, सरकार इन्हें यहां लाने वाली एजेंसियां का खुलासा करे। आखिर रेलवे पुलिस की नजरों
से बचकर ये यहां तक कैसे पहुंच रहे हैं।
केंद्र की इंटेलिजेंस एजेंसी, रेवन्यू और होम मिनिस्ट्री क्या कर रही है। उन्होंने जम्मू कश्मीर को आतंकियों
का स्वर्ग कहने वाले नेता को आड़े हाथों लिया और पूछा है कि जम्मू कश्मीर को यह कहकर
क्या उन्होंने आतंकवादियों को प्रोत्साहन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कई बांग्लादेशी,
म्यांमार और बर्मा से आए लोगों के साथ बातचीत में मालूम हुआ
कि उन्हें पाकिस्तान भेजा जाना था। आखिर राजनेता और सरकार इस मामले में चुप क्यों है।
उन्होंने बताया कि 216 परिवार भगवती नगर में
रह रहे हैं, जो कि देश की सुरक्षा को कमजोर करने में लगे
हैं। इसी तरह 45 हजार का अधिक जंगलात, नजूल, जेडीए, धार्मिक स्थानों से जुड़ी जमीनों पर गैर कानूनी कब्जा है।
Source;http://www.amarujala.com/
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