अवैध नियुक्तियों को लेकर मुश्किल में जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री
जम्मू-कश्मीर राज्य जवाबदेही आयोग (एसएसी) ने शहरी स्थानीय निकायों में अवैध नियुक्तियों
में राज्य के उपमुख्यमंत्री तारा चंद की कथित भूमिका की नियमित जांच के आदेश दिए हैं.
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वाई पी नरगोत्रा की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त)
हकीम इम्तियाज हुसैन की सदस्यता वाली आयोग की एक खंडपीठ ने सोमवार को तारा चंद के कथित
रूप से शहरी विकास मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल
अवैध नियुक्तियों के लिए करने के आरोपों की नियमित जांच के निर्देश दिए. चूंकि वर्तमान
में आयोग के पास कोई भी जांच अधिकारी नहीं हैं, खंडपीठ ने राज्य के
एडवोकेट जनरल एमआई कादरी से जांच में एसएसी का सहयोग करने का अनुरोध किया है.
आयोग ने उपमुख्यमंत्री को एक नोटिस जारी कर छह हफ्तों के भीतर
उनपर लगे आरोपों का जवाब देने के निर्देश दिए हैं. आठ जुलाई को मामले की सुनवाई तय
की गयी है. पिछले साल राज्य में शहरी स्थानीय निकायों में हजारों अवैध नियुक्तियों
के मामले प्रकाश में आए थे. राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की नगरपालिका समितियों के कार्यकारी
अधिकारियों या अध्यक्षों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए नियुक्ति पत्र जारी किए थे.
साकिब मुश्ताक नाम के एक व्यक्ति ने एसएसी के समक्ष एक शिकायत दायर कर ताराचंद
पर ‘‘अपने सरकारी पद का दुरूपयोग करने और भ्रष्टाचार, पक्षपात और भाई-भतीजावाद के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों
को सरकारी रोजगार के लिए नियुक्त करने के आरोप लगाए’’ खंडपीठ ने अपने आदेश
में कहा कि चंद ने अपने बयान में इन आरोपों से इंकार नहीं किया लेकिन उन्होंने दावा
किया था कि उन्होंने अवैध नियुक्तियों के मामले का संज्ञान करते हुए जांच के आदेश दिए
थे’’
Source: http://www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/kashmir/208981/jammu-kashmir-illegal-recruitment-difficulty-deputy-cm-tara-chan.html
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